Scholar / Kavi Parichay

Kavi Kunwar Pal

कवि कुंवर पाल


कवि कुंवर पाल पंडित बनारसीदास जी के अपने मित्र थे।  इनका समय 17 वी शताब्दी सुनिश्चित है। इन्होंने सोम प्रभ आचार्य द्वारा रचित संस्कृत भाषा के सूक्ति मुक्तावली का पद्यानुवाद किया है। इस काव्य में अहंकार से होने वाली आपदाओं की चर्चा की है और इसे तुरंत छोड़ने की प्रेरणा दी है। इनका मानना है मनुष्य के सभी दोष अहं के कारण से ही होते हैं।

Shastra by Kavi Kunwar Pal

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Shastra Name Rachayita Tikakar/Translator PDF Details