Scholar / Kavi Parichay

Kavi Jay Sagar

जय सागर -  जय सागर नाम के दिगंबर संप्रदाय में दो कवि हुए हैं। एक काष्ठा संघ के में हुए हैं। इनका समय विक्रम संवत 1674 है। इनके द्वारा संस्कृत में लिखित पार्श्व पंचकल्याणक और हिंदी में ज्येष्ठ जिनवर पूजा, विमल पुराण, रत्न भूषण स्तुति और तीर्थ जयमाला नाम की रचनाएं प्राप्त हैं।