Kavi Jagjivan
कवि जगजीवन
आगरा निवासी पंडित जगजीवन जी अग्रवाल जैन थे। इनका गोत्र गर्ग था। इनके पिता का नाम अभयराज और माता का नाम मोहनदे था। इनका समय 17वीं शताब्दी सुनिश्चित है। इनके द्वारा लिखित 45 पद उपलब्ध हैं। जिन्हें प्रार्थना, भक्ति, अध्यात्म और सांसारिक प्रपंच के सूचक विषयों के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
Shastra by Kavi Jagjivan
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